10 best tourist places in Mumbai | मुंबई के 10 बेहतरीन पर्यटन स्थल: जानिए यहां घूमने-फिरने के अलावा आप और क्या कर सकते हैं!

Mumbai

नमस्ते दोस्तों! हमारी वेबसाइट Suraj Explore में आपका स्वागत है। अगर आप मुंबई की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो आप सही जगह पर हैं। आज, हम आपको मुंबई यात्रा में दर्शनीय अनिवार्य स्थलों की यात्रा पर ले जा रहे हैं।

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को ‘सपनों का शहर’ भी कहते हैं, जहाँ सैर-सपाटे के लिए कई शानदार पर्यटन स्थल मौजूद हैं। बीच (समुद्र तट) से लेकर बॉलीवुड तक, म्यूजियम और नेचर पार्क से लेकर धार्मिक स्थलों तक, यहाँ हर किसी के लिए कुछ-न-कुछ जरूर है। यहाँ हम जानेंगे कि मुंबई में घूमने के लिए 10 सबसे अच्छी जगहें कौन सी हैं और आप मनोरंजन के लिए क्या कर सकते हैं।

10 best tourist places in Mumbai | मुंबई के 10 बेहतरीन पर्यटन स्थल

10 best tourist places in Mumbai
10 best tourist places in Mumbai
  1. द गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India)
  2. संजय गांधी नेशनल पार्क (Sanjay Gandhi national park)
  3. सिद्धिविनायक मंदिर और मुंबा देवी मंदिर (Siddhivinayak and Mumba Devi temple)
  4. नेहरू प्लेनेटेरियम (Nehru Planetarium)
  5. आरबीआई मॉनिटरी म्यूजियम (RBI Monetary Museum)
  6. चौपाटी और जुहू बीच (Chaupati and Juhu beach)
  7. हाजी अली (Haji Ali)
  8. वीरमाता जीजाबाई भोसले चिड़ियाघर (Veermata Jijabai Bhosale Udyan and Zoo)
  9. छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय (Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya)
  10. ग्लोबल विपश्यना पगोडा (Global Vipassana Pagoda)

1. द गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India)

Gateway of India
Gateway of India

मुंबई के सबसे बेहतरीन पर्यटन स्थलों में गेटवे ऑफ इंडिया का नाम शामिल है। अरब सागर के किनारे अपोलो बंदर तट पर बनाई गई यह आलीशान संरचना हमें याद दिलाती है कि, यह शहर भी कभी अंग्रेजों के अधीन था। बेसाल्ट के बने 26 मीटर ऊंचे इस प्रवेशद्वार के निर्माण में जीत की झलक दिखाने वाले रोमन आर्किटेक्चर के मेहराब के साथ-साथ पारंपरिक हिंदू और मुस्लिम डिजाइनों का उपयोग किया गया है। किंग जॉर्ज V और क्वीन मैरी 1911 में ब्रिटिश भारत आए थे, और उनके स्वागत के लिए ही इसे बनाया गया था। इसके मेहराब के पीछे सीढ़ियां बनी हैं, जो पर्यटकों को अरब सागर की ओर ले जाती हैं। गेटवे ऑफ इंडिया आने वाले पर्यटक यहाँ नाव की सवारी, फेरी की सवारी या प्राइवेट याट की सवारी का आनंद ले सकते हैं। अगर आप समुद्र के खूबसूरत नज़ारों, ताज पैलेस होटल, डॉक (गोदी) और बंदरगाह को देखना चाहते हैं, तो यह आपके लिए सबसे अच्छी जगह है।

2.संजय गांधी नेशनल पार्क (Sanjay Gandhi national park)

Sanjay Gandhi national park
Sanjay Gandhi national park

संजय गांधी नेशनल पार्क (एसजीएनपी) बोरीवली में स्थित है जिसे इस शहर की स्वच्छ हवा का केंद्र कहा जाता है। यह दुनिया का इकलौता ऐसा नेशनल पार्क (राष्ट्रीय उद्यान) है जो शहर के भीतर मौजूद है। यह मुंबई में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। यह राष्ट्रीय उद्यान (नेशनल पार्क) कुल मिलाकर 103 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है, जिसकी देखरेख पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा की जाती है।

हर साल यहाँ 2 मिलियन से ज्यादा लोग घूमने आते हैं। इकोलॉजिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इस जंगल को पूरी तरह संरक्षित किया गया है, और यहाँ की सफारी में बाघ और शेर को देखना बेहद रोमांचक है। एक ग्रीन बस किनारे पर लगी बाड़ के साथ-साथ लोगों को जंगल की सैर पर ले जाती है। इस जंगल में जानवर खुले में घूमते हैं, इसलिए पर्यटकों को जानवरों के हमले की संभावना से बचाने के लिए इन बसों को लोहे की सलाखों से पिंजरे की तरह बनाया जाता है।

एसजीएनपी के साथ-साथ इसके नजदीक स्थित तुंगारेश्वर सेंचुरी (अभयारण्य) में अनुमानित तौर पर तकरीबन 40 तेंदुए रहते हैं। इसके अलावा यहाँ नेवले, चार सींग वाले हिरण (चौसिंगा), सांभर, माउस डियर (पिसूरी), जंगली सूअर, लंगूर, बंदर और तेंदुआ सहित कई अन्य जानवर रहते हैं। इस उद्यान में 1,000 से अधिक पौधों की प्रजातियां, स्तनधारियों की 40 प्रजातियां तथा पक्षियों, सरीसृपों, मछलियों और कीड़ों की अनगिनत प्रजातियां मौजूद हैं।

इस उद्यान के भीतर पहली और 9वीं शताब्दी ईस्वी के बीच बनी कन्हेरी गुफाएँ मौजूद हैं, जो अब संरक्षित पुरातात्विक स्थलों की सूची में शामिल है। कन्हेरी में 109 छोटे-छोटे कमरों का समूह है, जिसके साथ-साथ एक प्रार्थना कक्ष, एक स्तूप, जलकुंड तथा उस वक्त वहाँ रहने वालों के लिए बड़ा-सा हॉल भी बना हुआ है। इनमें बुद्ध और बोधिसत्व की बेहद खूबसूरत और नक्काशीदार मूर्तियां हैं। कन्हेरी गुफाओं का निर्माण बौद्ध भिक्षुओं द्वारा किया गया था, जो बौद्ध शिक्षा का केंद्र होने के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण तीर्थ-स्थान भी था।

3. सिद्धिविनायक मंदिर और मुंबा देवी मंदिर (Siddhivinayak and Mumba Devi temple)

Siddhivinayak and Mumba Devi temple
Siddhivinayak and Mumba Devi temple

श्री सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई में घूमने के लिए सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, साथ ही यह मुंबई में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली जगहों में से एक है। भगवान गणेश का यह मंदिर विनायक के नाम से मशहूर है जिसे सबकी मनोकामना पूरी करने वाला मंदिर माना जाता है, और इसी वजह से दुनिया भर से भक्त यहां भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते हैं। मुंबा देवी मंदिर मुंबई का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, और मुंबई को यह नाम इसी मंदिर से मिला है।

यह मंदिर इस क्षेत्र का पालन करने वाली देवी, भगवती मुंबादेवी को समर्पित है। मंदिर का निर्माण पहली बार सन 1675 में बोरी बंदर में हुआ था, लेकिन 1737 में इसका पुनर्निर्माण किया गया जिसके बाद से यह मौजूदा स्थान पर स्थित है। मुंबई के कोली मछुआरे मुंबा देवी की पूजा करते हैं जो उन्हें अपना पालनहार मानते हैं। मंदिर में भगवती मुंबा देवी की प्राचीन मूर्ति स्थापित है, तथा देवी की मूर्ति को सोने के हार, चांदी के मुकुट और नथ से सजाया गया है।

4. नेहरू प्लेनेटेरियम (Nehru Planetarium)

Nehru Planetarium
Nehru Planetarium

नेहरू प्लेनेटेरियम मुंबई में बच्चों के घूमने-फिरने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है, जो नेहरू विज्ञान केंद्र का एक हिस्सा है। वर्ष 1977 में मुंबई शहर के वर्ली इलाके में नेहरू प्लेनेटेरियम, यानी नेहरू तारामंडल की स्थापना की गई थी, जो देश के अव्वल दर्जे के प्लेनेटेरियम में से एक है। यह विज्ञान एवं अंतरिक्ष केंद्र सचमुच काफी इंटरैक्टिव है और बच्चों को यूनिवर्स (ब्रह्मांड) के बारे में तरह-तरह की जानकारी देता है। इस तरह बच्चों की जानकारी बढ़ती है, साथ ही उनके मन में इन सब चीजों के बारे में और जानने की इच्छा भी जगती है। इस बेलनाकार इमारत के ऊपर बेहद खूबसूरत सफेद गुंबद बनाया गया है जिसका डिजाइन मशहूर आर्किटेक्ट जे.एम. कादरी ने तैयार किया था, जो वैज्ञानिक एवं खगोलीय शिक्षा का एक प्रमुख स्थान है।

यहां अलग-अलग तरह की गतिविधियों के जरिए बच्चों को यूनिवर्स (ब्रह्मांड) के बारे में और अधिक जानने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यहां का सोलर सिस्टम शो पर्यटकों का मन मोह लेता है, जिसमें आप ब्रह्मांड में मौजूद हरेक ग्रह पर अपने वजन का हिसाब लगा सकते हैं और अंतरिक्ष यान के मॉडल भी देख सकते हैं। इस प्लेनेटेरियम में एक 3D IMAX थियेटर भी है, जिसमें थ्री-डाइमेंशनल फॉर्मेट में फिल्में दिखाई जाती हैं जिनमें चीजें अपने आकार से ज्यादा बड़ी नजर आती हैं। बिना खंभों वाली बेजोड़ गोलाकार संरचना की वजह से, यहां आप बिल्कुल स्पष्ट 360 डिग्री व्यू के साथ बिना किसी रूकावट के पूरे आसमान का नजारा देख सकते हैं। चाँद-तारों में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए नेहरू प्लेनेटेरियम में टेलिस्कोप भी मौजूद है। नेहरू सेंटर के भीतर, अलग-अलग तरह के एग्जीबिशन, गैलरी एवं ऑडिटोरियम हैं। डिस्कवरी ऑफ इंडिया यहाँ के सबसे दिलचस्प हिस्सों में से एक है, जो इतिहास की घटनाओं और आर्किटेक्चर के जरिए भारत में हुए बदलावों के बारे में बताता है।

5.आरबीआई मॉनिटरी म्यूजियम (RBI Monetary Museum)

RBI Monetary Museum
RBI Monetary Museum

मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक का मॉनिटरी म्यूजियम भी घूमने-फिरने के लिए बिल्कुल अनोखी जगह है, और यह देश में इस तरह का पहला म्यूजियम (संग्रहालय) है। इस म्यूजियम में भारतीय सिक्के, कागज के नोट, फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट तथा पैसे से संबंधित जिज्ञासाओं की 10,000 से अधिक प्रदर्शनियों को दर्शकों के देखने के लिए रखा गया है। इन प्रदर्शनियों में अलग-अलग राजघरानों के सिक्कों के अलावा मध्यकालीन भारत, पूर्व-ब्रिटिश भारत, ब्रिटिश भारत और आधुनिक भारत के सिक्के, बीते जमाने के कागज के नोट, सोने की छड़ें तथा आर्थिक लेनदेन के दूसरे साधन शामिल हैं।

म्यूजियम के सिक्कों की गैलरी में बेहद प्राचीन काल के पंचमार्क वाले सिक्कों से लेकर छठी शताब्दी ईसा पूर्व के सिक्कों को देखकर दर्शक हैरत में पड़ जाते हैं। करेंसी नोटों, कागज के बॉन्ड और सर्टिफिकेट के जरिए कागज की मुद्रा और वित्तीय साधनों के विकास के बारे में बताया गया है। यहां आने वाले लोग महत्वपूर्ण घटनाओं के विवरण, बैंक मुहरों और इसी तरह की दूसरी चीजों को भी देख सकते हैं। आरबीआई मॉनिटरी म्यूजियम में रुपये-पैसों के बारे में जानकारी देने के लिए खास कियोस्क बनाए गए हैं।

6. चौपाटी और जुहू बीच (Chaupati and Juhu beach)

Chaupati and Juhu beach
Chaupati and Juhu beach

मुंबई शहर समुद्र के किनारे बसा है। सैर-सपाटे के लिहाज से मुंबई के बीच, यानी समुद्र तट सबसे अच्छे पर्यटन स्थल हैं। दूर तक फैली रेत, अरब सागर का पानी, समुद्र और आकाश के मिलन का शानदार नजारा और शाम के समय बेहद मनभावन सूर्यास्त का दृश्य वाकई बेहद खास है। समुद्र के किनारे आराम फरमाने का आनंद शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है और चमचमाते समुद्र का पानी देखने लायक होता है। अवश्य घूमने वाली जगह की सूची में चौपाटी और जुहू बीच सबसे ऊपर है। मरीन ड्राइव के नजदीक स्थित ‘चौपाटी’ (गिरगाँव) बीच मुंबई के सबसे व्यस्त समुद्र तटों में से एक है, और यहाँ मिलने वाले अलग-अलग तरह के स्थानीय व्यंजन बेहद लजीज़ होते हैं।

जुहू बीच की बात की जाए, तो यह मुंबई में सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ वाला समुद्र तट है। इसकी लंबाई 6 किमी है और इस तरह यह मुंबई का सबसे लंबा बीच है। बेहद जायकेदार स्ट्रीट फूड का स्वाद चखने के अलावा, पर्यटक यहाँ बनाना राइड्स, जेट स्की और बंपर राइड्स जैसे पानी के खेल का भी मजा ले सकते हैं। इसके अलावा मुंबई आने वाले पर्यटक गोरई बीच, वर्सोवा बीच, मार्वे मध और अक्सा बीच की सैर कर सकते हैं। पर्यटक दादर और चौपाटी में हाल ही में खोले गए डेक पर कुछ समय बिता सकते हैं, और यहाँ ताज़ी हवा के साथ-साथ चारों तरफ फैले बेहद खूबसूरत समुद्र के नजारे का आनंद ले सकते हैं।

7. हाजी अली (Haji Ali)

Haji Ali
Haji Ali

चारों तरफ समुद्र से घिरा हाजी अली दरगाह भी मुंबई का एक जाना-माना लैंडमार्क है, जहाँ सभी धर्मों के लोग घूमने आते हैं। इस मस्जिद का निर्माण 19वीं सदी में हुआ था और इसके भीतर 15वीं सदी के सूफी संत, पीर हाजी अली शाह बुखारी का मकबरा बनाया गया है। हाजी अली दरगाह बेहतरीन लोकेशन, खूबसूरत आर्किटेक्चर और अपने धार्मिक महत्व के लिए मशकूर है, जो तट से तकरीबन 500 मीटर दूर एक छोटे से टापू पर बनाया गया है।

इस तीर्थ स्थल में संगमरमर से बना एक भव्य मकबरा है, जो इंडो-इस्लामिक आर्किटेक्चर का बेजोड़ नमूना है, तथा इसके साथ-साथ यहां एक मस्जिद, मीनारें और मेहराब के आकार का एक प्रवेश-द्वार भी बनाया गया है। इस दरगाह के पीछे बेहद शानदार अरब सागर मौजूद है, और इसे बनाने के लिए ‘मकराना’ संगमरमर मंगवाया गया था जिसका इस्तेमाल ताजमहल के निर्माण में भी हुआ है। इस दरगाह का लोकेशन वाकई बेजोड़ है, और हाई-टाइड (उच्च-ज्वार) के दौरान मस्जिद तक जाने वाली सड़क पानी के नीचे चली जाती है, लिहाजा उस दौरान यहां पहुंचना लगभग नामुमकिन हो जाता है। इसलिए, सिर्फ लो-टाइड (निम्न-ज्वार) के दौरान ही पर्यटक इस मशहूर दरगाह तक पहुँच सकते हैं।

8. वीरमाता जीजाबाई भोसले चिड़ियाघर (Veermata Jijabai Bhosale Udyan and Zoo)

Veermata Jijabai Bhosale Udyan and Zoo
Veermata Jijabai Bhosale Udyan and Zoo

मुंबई आने वाले पर्यटकों को अपने बच्चों के साथ भायखला का चिड़ियाघर जरूर घूमना चाहिए, जिसे वीरमाता जीजाबाई भोसले उद्यान या मुंबई चिड़ियाघर के नाम से जाना जाता है। मुंबई के इस इकलौते चिड़ियाघर की स्थापना 1861 में हुई थी जो भारत के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। यहां कई तरह के पक्षी और जानवर रहते हैं, जिनमें हाथी, दरियाई घोड़े, नील-गाय, बंगाल के बाघ और तेंदुए, मगरमच्छ तथा अजगर शामिल हैं। हाल ही में सियोल के हम्बोल्ट पेंगुइन को भी यहां के जानवरों में शामिल किया गया है, जिन्हें दक्षिण अमेरिका में अपने कुदरती आवास का एहसास कराने के लिए बेहद ठंडे चेंबर्स में रखा जाता है। चहचहाते पक्षियों की आवाज सुनते हुए हाल ही में बने एवियरी के बीच से गुजरने का अनुभव शानदार है।

भायखला चिड़ियाघर के पानी वाले हिस्से को रानी बाग चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें पेलिकन, फ्लेमिंगो, एल्बिनो क्रो (सफेद कौवे), क्रेन, हीरॉन और स्टॉर्क की कुछ प्रजातियां रहती हैं। इसके परिसर में लगभग 50 एकड़ के क्षेत्र में पहले एक सुंदर बॉटनिकल गार्डन के साथ-साथ एक म्यूजियम भी है। बॉटनिकल गार्डन में 3000 से अधिक पेड़, जड़ी-बूटियाँ और फूलों के पौधे हैं। डॉ. भाऊ दाजी लाड म्यूजियम (इसे पहले विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम कहा जाता था) में मुंबई की कई प्राचीन कलाकृतियाँ, मूर्तियाँ और ऐतिहासिक तस्वीरें हैं, जिनमें काला घोड़ा की मूर्ति तथा एलीफेंटा द्वीप की गुफाओं की पत्थर से तराशी गई हाथी की मूर्ति शामिल है।

9. छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय (Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya)

Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya
Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya

छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय को पहले प्रिंस ऑफ वेल्स म्यूजियम ऑफ वेस्टर्न इंडिया के नाम से जाना जाता था, जो बॉम्बे (मुंबई) में स्थित है और मुंबई आने वाले पर्यटकों को यहां जरूर घूमना चाहिए। इस संग्रहालय में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दिखाने वाली 50,000 से ज्यादा प्राचीन शिल्पकृतियाँ, कलाकृतियाँ और मूर्तियाँ मौजूद हैं। इसे ग्रेड I हेरिटेज बिल्डिंग का दर्जा दिया गया है, साथ ही इंडियन हेरिटेज सोसाइटी द्वारा अर्बन हेरिटेज अवार्ड में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

इस संग्रहालय में सिंधु घाटी सभ्यता के मिट्टी के बर्तन, मौर्य साम्राज्य के दौरान हाथों से तराशी गई से बौद्ध मूर्तियाँ, मुगल काल के गहनों के बक्सों पर जाली की कारीगरी, भारत की लघु चित्रकारी, यूरोपीय पेंटिंग, चीनी मिट्टी के बरतन तथा चीन, तिब्बत और जापान के पैसे मौजूद हैं। ब्रॉन्ज गैलरी में 9वीं से 17वीं शताब्दी तक की चीजों की प्रदर्शनी है। कालिया पर नृत्य करते हुए कृष्ण और शानदार सजावट वाले फ्रेम में खड़े भगवान विष्णु की शोभा देखते ही बनती है। यहां के प्राकृतिक इतिहास वाले खंड में सरीसृप, स्तनधारी, उभयचर, पक्षियों और मछलियों का संग्रह मौजूद है। यहां आने वाले लोग भारत के अस्त्र-शस्त्रों की प्रदर्शनी में तरह-तरह के हथियारों, तलवारों और ढालों को देख सकते हैं।

10. ग्लोबल विपश्यना पगोडा (Global Vipassana Pagoda)

Global Vipassana Pagoda
Global Vipassana Pagoda

मुंबई के गोराई में स्थित ग्लोबल विपश्यना पगोडा वाकई देखने लायक है। इसके पीछे दूर तक अरब सागर दिखाई देता है, साथ ही इसकी सुनहरी परत वाला गुंबद एकदम अलौकिक नजर आता है। अगर आप सुकून और शांति के पल बिताना चाहते हैं, तो आपको यहां जरूर आना चाहिए। ठाणे जिले के भायंदर से सड़क के रास्ते तथा मुंबई में गोराई क्रीक के किनारे नाव के जरिए आप पगोडा तक पहुँच सकते हैं। इसे म्यांमार के यांगून में बने दुनिया के सबसे ऊंचे श्वेडागोन पगोडा की तरह बनाया गया है, जिसे सांप्रदायिक भेदभाव से परे ध्यान के विपश्यना रूप को संरक्षित करने के लिए म्यांमार के प्रति भारत के आभार को दर्शाने के लिए तैयार किया गया है। इस पूरी संरचना को सुनहरे रंग से सजाया गया है और इसका ऊपरी हिस्सा, यानी शिखर बर्मा के निवासियों द्वारा दान किए गए असली सोने से ढका हुआ है।

325 फीट की इस संरचना की ऊंचाई तकरीबन 30 मंजिला इमारत के बराबर है। इसके भीतरी हिस्से में विशाल गुंबद बनाया गया है जहाँ 8,000 लोग एक-साथ बैठकर विपश्यना ध्यान का अभ्यास कर सकते हैं। इस इमारत के भीतर गोंग टॉवर और बेल टॉवर बेहद महत्वपूर्ण संरचनाएं हैं, जिनकी वजह से ग्लोबल विपश्यना पगोडा की खूबसूरती में चार चाँद लग जाते हैं। लकड़ी के बने इसके प्रवेश द्वार पर म्यांमार में कारीगरों द्वारा हाथों से बारीक नक्काशी की गई है। इसकी स्थापना फरवरी 2009 में हुई थी और इसका उद्घाटन भारत की पूर्व राष्ट्रपति, श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने किया था। पत्थरों को जोड़ने की एक प्राचीन तकनीक की मदद से इसके गुंबद को बिना सहारे के बनाया गया है, जिसमें भगवान बुद्ध के अवशेष रखे गए हैं। यहां का मेडिटेशन हॉल दुनिया में पत्थरों का बना सबसे बड़ा गुंबद है, जिसमें सहारे के लिए खंभे नहीं हैं।

आपको ये जानकारी कैसी लगी आप हमें कमेंट करके बताए एंड आपको और कहा की जानकारी चाइये ये भी आप हमें जरूर बताएँ। थैंक्स आपका कीमती समय देने के लिए।

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