अगर आप भी गणेश जी के दर्शन करना चाहते हैं, तो देश के इन प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में जाकर दर्शन कर सकते हैं। यहां गणेश जी के कुछ जाने-माने और चमत्कारी मंदिरों का उल्लेख किया गया है, जहां जाकर आप उन्हें प्रणाम कर सकते हैं।
दिवाली की शाम को लक्ष्मी पूजन की परंपरा होती है। लेकिन किसी भी शुभ काम से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। दिवाली पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस समय देशभर के गणेश मंदिरों में उत्सव जैसा माहौल रहता है और विशेष पूजा होती है। लोग दूर-दूर से दिवाली पर इन मंदिरों के दर्शन करने आते हैं।
दिवाली के इस अवसर पर शाम को लक्ष्मी पूजन से पहले भगवान गणेश का दर्शन करें और उनका आशीर्वाद लेकर धूमधाम से दिवाली मनाएं। अगर आप भी गणेश जी के दर्शन करना चाहते हैं तो इन प्रसिद्ध मंदिरों में जा सकते हैं। यहां देश के कुछ मुख्य गणेश मंदिरों की जानकारी दी जा रही है जहाँ भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं।
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई (Diwali 2024)

गणेश जी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है सिद्धिविनायक मंदिर। इसका निर्माण 1801 में हुआ था और इसका महत्व न सिर्फ भारत में बल्कि दुनियाभर में माना जाता है। यहां सच्चे मन से की गई हर प्रार्थना पूरी होती है। दिवाली पर यहां भव्य पूजा का आयोजन होता है और दूर-दूर से लोग गणपति के दर्शन के लिए आते हैं।
चिंतामन गणेश मंदिर, उज्जैन (Diwali 2024)

उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के अलावा चिंतामन गणेश मंदिर भी है। यह मंदिर क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित है। यहां गणेश जी की तीन मूर्तियाँ हैं: चिंतामण, इच्छामण और सिद्धिविनायक गणेश। लोग यहां आकर भगवान से अपनी मनोकामनाएँ मांगते हैं।
मोती डूंगरी मंदिर, जयपुर (Diwali 2024)

जयपुर का मोती डूंगरी गणेश मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है। इसका निर्माण 18वीं सदी में हुआ था। यहां गणेश जी की लगभग 500 साल पुरानी प्रतिमा स्थापित है। दिवाली पर यहाँ दूर-दूर से लोग गणेश जी के दर्शन करने आते हैं।
त्रिनेत्र गणेश मंदिर, रणथंभौर (Diwali 2024)

रणथंभौर का त्रिनेत्र गणेश मंदिर लगभग 100 साल पुराना है। यहां भगवान गणेश अपनी पत्नियाँ रिद्धि और सिद्धि, और पुत्र शुभ और लाभ के साथ विराजमान हैं। दिवाली पर लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं और अपने आमंत्रण पत्र या अरदास भी भेजते हैं।
खजराना गणेश मंदिर, इंदौर (Diwali 2024)

इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में गणेश जी की 3 फीट ऊंची मूर्ति है। यहां भक्त अपनी मुराद पूरी होने पर गणेश जी की मूर्ति की पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं। दिवाली पर यहां आकर गणेश जी के दर्शन करना शुभ माना जाता है।