अगर आप दो दिन की छुट्टी में वाराणसी घूमने का प्लान बना रहे हैं और दिवाली की रौनक का आनंद लेना चाहते हैं, तो बजट में ट्रिप करने का तरीका जानना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यहां हम आपको बताएंगे कि कहां से यात्रा की शुरुआत करें और वाराणसी में कौन-कौन सी जगहें घूमी जा सकती हैं।
दिवाली का जश्न और वाराणसी की विशेषता

दिवाली, भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। लेकिन उत्तर भारत, खासकर वाराणसी, में दिवाली का जोश और उमंग कुछ अलग ही होता है। वाराणसी, जिसे काशी या बनारस भी कहा जाता है, शिव की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है और अपनी प्राचीनता और सौंदर्य के लिए जानी जाती है। दिवाली पर यहां का दीपोत्सव देखने के लिए देश-विदेश से लोग जुटते हैं। इस समय पूरे बनारस को विशेष रूप से सजाया जाता है, और गंगा घाटों से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक दीपों की अविस्मरणीय छटा देखने को मिलती है।
दिल्ली से वाराणसी की यात्रा

दिल्ली से वाराणसी की दूरी लगभग 850 किलोमीटर है, जिसे सड़क मार्ग से तय करने में लगभग 12 से 13 घंटे लग सकते हैं। आप अपने निजी वाहन से या बस द्वारा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, ट्रेन और फ्लाइट का विकल्प भी उपलब्ध है, जिसमें ट्रेन से यात्रा करने पर लगभग 8-9 घंटे का समय लगता है।
वाराणसी पहुंचने के बाद, वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से काशी विश्वनाथ मंदिर की दूरी लगभग 5 किलोमीटर है, जबकि एयरपोर्ट से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर करीब 25 किलोमीटर दूर है।
बजट में ट्रिप के लिए सुझाव
- आवास: वाराणसी में बजट होटल और गेस्ट हाउस आसानी से उपलब्ध हैं। आप इंटरनेट पर रिव्यू देखकर पहले से ही बुकिंग कर सकते हैं।
- भोजन: वाराणसी में स्ट्रीट फूड का आनंद लिया जा सकता है, जो स्वादिष्ट और किफायती होता है। वहां के कचौरी-सब्जी, बनारसी पान और मिठाइयों का भी स्वाद लेना न भूलें।
- घूमने के प्रमुख स्थान: काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, सारनाथ, और संकटमोचन मंदिर जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को अवश्य देखें।
बनारस में ठहरने के स्थान

अगर आप दिवाली के समय वाराणसी घूमने जा रहे हैं, तो पहले से ही होटल बुक करवा लें। त्योहार के समय यहां देश-विदेश से लोग दीपोत्सव देखने आते हैं, जिससे होटल में कमरा मिलना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। हालांकि, बनारस में ठहरने के कई विकल्प मौजूद हैं, जैसे सस्ते होटल, लग्जरी होटल, धर्मशाला और होम स्टे। धर्मशाला में आपको 200 से 500 रुपये में ठहरने की सुविधा मिल सकती है, जबकि होटलों में 500 रुपये से अधिक खर्च आ सकता है। पहले से बुकिंग कराने पर आपको बजट में कमरा मिल सकता है और आप भटकने से बच सकते हैं।
बनारस में घूमने की जगहें
दिवाली के मौके पर बनारस के घाटों पर दीपोत्सव का दृश्य देखने का अलग ही आनंद है। अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट जैसे कई घाटों पर सुबह-शाम की आरती और दिवाली के दौरान लाखों दीयों की जगमगाहट एक अद्भुत अनुभव देती है। यहां आप रात के समय लेजर लाइट शो का आनंद भी ले सकते हैं। इसके अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर, ललिता माता मंदिर, सारनाथ और बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर जैसी प्राचीन धार्मिक जगहें भी घूम सकते हैं।
बनारस की दो दिन की यात्रा का खर्च

बनारस की दो दिन की यात्रा में करीब 2000 से 2500 रुपये का खर्च आ सकता है। दिल्ली से ट्रेन का किराया लगभग 400 रुपये है, जबकि हवाई जहाज से यात्रा के लिए 4500 रुपये तक लग सकते हैं। बजट में यात्रा करने के लिए बस या ट्रेन का उपयोग करें। एक रात होटल में ठहरने का खर्च लगभग 1000 रुपये आएगा। स्थानीय घूमने के लिए ई-रिक्शा का उपयोग कर सकते हैं, जो 100-200 रुपये में कई जगह घुमा देगा। खाने-पीने में 300 से 500 रुपये तक का खर्च आ सकता है।
इस तरह से आप दिवाली की छुट्टियों में कम बजट में वाराणसी का आनंद ले सकते हैं और वहां की भव्य दिवाली का अनुभव कर सकते हैं।