भारत में कुबेर मंदिर कहां-कहां स्थित हैं? अगर इस धनतेरस और दिवाली पर आप भी कुबेर जी के दर्शन करना चाहते हैं, तो यहां हम आपको देश के कुछ प्रसिद्ध कुबेर मंदिरों के बारे में बता रहे हैं।
धनतेरस और दिवाली पर कुबेर मंदिर में दर्शन
29 अक्तूबर से दीपावली उत्सव की शुरुआत हो रही है। इस दिन धनतेरस के अवसर पर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा का विशेष महत्व है। कुबेर जी को धन और संपत्ति का स्वामी माना गया है, और इनकी पूजा करने से घर में आर्थिक समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
घर पर धनतेरस के दिन कुबेर जी की मूर्ति स्थापित करके पूजन किया जाता है। इसके अलावा, देश के विभिन्न हिस्सों में कुबेर जी के कुछ प्रसिद्ध मंदिर भी हैं, जहां भक्तगण विशेष रूप से धनतेरस और दिवाली पर पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं।
उत्तराखंड का कुबेर मंदिर

उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले से लगभग 40 किमी दूर एक प्राचीन कुबेर मंदिर है। पहाड़ी चोटी पर स्थित यह मंदिर दिवाली और धनतेरस के समय विशेष श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। अल्मोड़ा और नैनीताल से बस, टैक्सी, या निजी वाहन द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है। नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है।
मध्य प्रदेश के कुबेर मंदिर

मध्य प्रदेश में कुबेर जी के तीन प्रमुख मंदिर हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध खंडवा में स्थित है, जहां उज्जैन के महाकालेश्वर और खंडवा के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास ही कुबेर जी का एक मंदिर भी है। इसके अतिरिक्त मंदसौर में भी एक कुबेर मंदिर है। खंडवा का कुबेर मंदिर भोपाल से लगभग 257 किमी और इंदौर से 78 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए बस या निजी वाहन से यात्रा की जा सकती है।
गुजरात का कुबेर भंडारी मंदिर

गुजरात के वडोदरा में कुबेर भंडारी नामक एक प्राचीन मंदिर स्थित है, जिसका इतिहास 2500 वर्ष पुराना माना जाता है। नर्मदा नदी के किनारे स्थित यह मंदिर वडोदरा से लगभग 60 किमी दूर है, जहां टैक्सी से पहुंचा जा सकता है।
इन कुबेर मंदिरों में धनतेरस और दिवाली पर दर्शन से भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलता है, जिससे उनके जीवन में धन, वैभव और खुशहाली बनी रहती है।