महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा और जल चढ़ाने का खास महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन शिवजी पर जल अर्पित करने से जीवन के दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं और खुशियां आती हैं। ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि का व्रत कब रखा जाएगा? जल अर्पित करने का शुभ समय क्या है? पूजा का महत्व और खास मंत्र कौन-से हैं? इन सभी बातों को इस लेख में आसान शब्दों में जानते हैं।

महाशिवरात्रि एक खास हिंदू त्योहार है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह हर साल फाल्गुन महीने की कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है, जो आमतौर पर फरवरी या मार्च में आती है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करके भगवान शिव की पूजा करते हैं। कई लोग रुद्राभिषेक भी कराते हैं। महाशिवरात्रि को शिवजी की कृपा पाने और अपने पापों से मुक्ति का पावन अवसर माना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
अब सवाल यह है कि इस साल महाशिवरात्रि का व्रत किस दिन रखा जाएगा? किस समय शिवलिंग पर जल चढ़ाना सबसे शुभ रहेगा? जलाभिषेक के दौरान कौन-सा मंत्र जाप करने से अधिक लाभ मिलेगा? और इस पूजा का असली महत्व क्या है? आइए, इस विषय पर ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
इस साल महाशिवरात्रि का व्रत कब रखा जाएगा ?
महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी। फाल्गुन महीने की कृष्ण चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे से शुरू होकर 27 फरवरी को सुबह 08:54 बजे तक रहेगी। व्रत और पूजा 26 फरवरी को सूर्योदय की तिथि के अनुसार की जाएगी।

महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक ब्रह्म मुहूर्त से ही शुरू हो जाता है, जो कि सुबह का सबसे शुभ समय होता है। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह 6:48 से 9:41 तक माना गया है। इस दौरान जल चढ़ाने से विशेष शुभ फल मिलता है।
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के दौरान मंत्र जाप
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व होता है। ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यदि जल अर्पित करते समय कुछ मंत्रों का जाप किया जाए, तो इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है।
- ऊं नमः शिवाय – यह सबसे आसान और प्रभावशाली मंत्र है। इसे जपने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं।
- ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥ – इस मंत्र का जाप करने से दीर्घायु और अच्छा स्वास्थ्य मिलता है।
- ऊं तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥ – यह शिव गायत्री मंत्र है। इसे जपने से बुद्धि और ज्ञान का विकास होता है।
महाशिवरात्रि पर श्रद्धा और भक्ति के साथ शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और इन मंत्रों का जाप करें, इससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा का महत्व क्या है?
महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पवित्र मिलन का प्रतीक है। इस दिन शिवजी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन श्रद्धा और भक्ति से शिवजी की पूजा करने से सभी बुराइयाँ मिट जाती हैं और आत्मिक शांति मिलती है। ज्योतिष के अनुसार, महाशिवरात्रि पर शिवजी की अराधना करने से जीवन की परेशानियाँ कम होती हैं और खुशहाली आती है।
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