क्या 2025 की गर्मी सभी रिकॉर्ड तोड़ देगी? जानिए अप्रैल से जुलाई तक कैसा रहेगा आपके शहर का मौसम

क्या 2025 की गर्मी सभी रिकॉर्ड तोड़ देगी? जानिए अप्रैल से जुलाई तक कैसा रहेगा आपके शहर का मौसम
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इस साल अप्रैल से जून के बीच भारत में सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ सकती है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 31 मार्च को इस बारे में चेतावनी दी है। IMD के मुताबिक, इन महीनों में देश के ज्यादातर हिस्सों में तापमान औसत से ऊपर रहेगा, जबकि पश्चिमी और पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में यह सामान्य रह सकता है। साथ ही, IMD ने अप्रैल से जुलाई तक हीटवेव (लू) का अलर्ट भी जारी किया है, यानी इन महीनों में भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है।

हीटवेव क्या है? (What is Heatwave?)

हीटवेव का मतलब है कि देशभर में तापमान बहुत ज्यादा बढ़ सकता है, जिससे तेज़ गर्म हवा चलेगी और ये स्थिति कई दिनों तक बनी रह सकती है। यह मौसम में बड़े बदलाव का संकेत है, जो जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रहा है। ऐसे हालात भारत में अब ज्यादा बार और ज्यादा तेज़ी से देखने को मिल रहे हैं।

IMD द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान (IMD’s Heatwave Alert for Summer 2025)

  • भारतीय मौसम विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के अनुसार, आने वाले दिनों में देश के कई हिस्सों में जबरदस्त गर्मी पड़ सकती है। राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर कर्नाटक में लू (तेज गर्म हवाएं) 4 से 7 दिनों तक चल सकती हैं। वहीं, ओडिशा, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में ये गर्म हवाएं 10 से 11 दिनों तक भी बनी रह सकती हैं।
  • अप्रैल के महीने में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानों और महाराष्ट्र व गुजरात के विदर्भ क्षेत्र में गर्म हवाएं चलना आम बात है, लेकिन आमतौर पर ये 1 से 3 दिन तक ही रहती हैं। इस साल हालांकि, ये ज्यादा समय तक चल सकती हैं।
  • गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और दक्षिणी मध्य प्रदेश में इस बार अप्रैल में जबरदस्त गर्मी पड़ने वाली है। यहां दिन का तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा।
  • इसके अलावा, पूरे देश में रातें भी सामान्य से अधिक गर्म रहने की संभावना है, सिर्फ जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर।

बारिश की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार, 10 अप्रैल से महीने के आखिर तक उत्तर-पूर्वी राज्यों में जोरदार बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाएं होने की आशंका है। इसके अलावा, केरल और दक्षिण कर्नाटक में भी आम दिनों से ज्यादा बारिश हो सकती है, और इस दौरान आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने की संभावना भी रहेगी।

अल नीनी और ला नीना में अंतर (difference between El Niño and La Niña)

IMD के महानिदेशक महापात्र ने स्थानीय प्रशासन को सतर्क और तैयार रहने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि इस साल मानसून के दौरान ‘अल नीनो’ की स्थिति नहीं बनेगी, क्योंकि प्रशांत महासागर के भूमध्यरेखीय क्षेत्र में ‘ला नीना’ प्रभावी रहेगा।

‘ला नीना’ और ‘अल नीनो’ दो मौसम से जुड़े बदलाव हैं, जो समुद्र के तापमान को प्रभावित करते हैं और दुनियाभर में मौसम के पैटर्न को बदल सकते हैं। ‘अल नीनो’ के दौरान समुद्र का तापमान सामान्य से ज्यादा गर्म हो जाता है, जबकि ‘ला नीना’ के समय समुद्र का तापमान सामान्य से ठंडा रहता है। ये दोनों एक-दूसरे के विपरीत होते हैं और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बारिश, गर्मी और सर्दी पर असर डालते हैं।

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Suraj

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