राजस्थान में इस दिन लोग भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए मंदिरों में दर्शन करने जाते हैं। यहां भाई-बहन के प्रेम को समर्पित कई मंदिर हैं, जहां दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं।
भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशियों की कामना करती हैं, और भाई अपनी बहनों की सुरक्षा का वचन देते हैं। इस दिन मंदिरों में पूजा और दान करने से पुण्य मिलता है, इसलिए लोग जगह-जगह मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं। भाई-बहन के इस अनमोल रिश्ते को बनाए रखने के लिए आप भी इस दिन मंदिर जाने का विचार कर सकते हैं। इस बार भाई दूज का त्योहार रविवार, 3 नवंबर को है, जिससे आपको ऑफिस से अलग छुट्टी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जीण माता और हर्ष भैरव मंदिर 🙏

यह मंदिर खाटू श्याम जी से 26 किलोमीटर दूर है और इसे भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित जीण माता मंदिर में भाई दूज के दिन बहुत भीड़ होती है। मान्यता है कि इस दिन जीण माता हर्ष भैरव के हाथ पर राखी बांधने जाती हैं। पुजारी राखी को हर्षनाथ भैरव मंदिर भेजते हैं। लोग मानते हैं कि इस मंदिर के दर्शन से भाई-बहन में प्रेम बना रहता है और उनके झगड़े कम होते हैं।
बीबीरानी माता मंदिर 🙏

600 साल पुराना यह मंदिर अलवर रोड पर, 10 किमी दूर दक्षिण में एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है। हर बुधवार को यहां मेला भी लगता है। भाई दूज पर यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इस मंदिर के पास एक तालाब भी है, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां दर्शन करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। यह परिवार के साथ दर्शन के लिए राजस्थान में एक अच्छी जगह है।
अचलनाथ मंदिर 🙏

जोधपुर में स्थित अचलनाथ मंदिर एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है। यहां एक शिवलिंग और एक जल स्रोत है जिसे गंगा बावरी कहा जाता है। भाई दूज पर आप यहां अपने भाई के साथ आ सकते हैं। यह मंदिर बेहद आकर्षक है और जोधपुर रेलवे स्टेशन से टैक्सी या बस के जरिए यहां पहुंचा जा सकता है।
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