इस साल छठ पूजा का महापर्व 5 नवंबर से शुरू हो रहा है। छठ पूजा का पहला दिन “नहाय-खाय” के रूप में मनाया जाता है। इस दिन साफ-सफाई करके शुद्धता से भोजन बनाने की परंपरा है, जिसमें खासतौर पर “कद्दू-भात” तैयार किया जाता है। बिहार और आसपास के कई राज्यों में दीवाली के बाद छठ पूजा का विशेष महत्व है। इस पर्व में लोगों की आस्था जुड़ी होती है और इसे बच्चों की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य के लिए मनाया जाता है।
इस साल छठ पूजा 5 नवंबर से 8 नवंबर तक मनाई जाएगी। 5 नवंबर को “नहाय-खाय” से इसकी शुरुआत होगी। इस दिन व्रती सात्विक भोजन बनाते हैं, जिसमें खासतौर पर कद्दू-भात का महत्व है। यहाँ “कद्दू” का मतलब लौकी से है, जो बिहार और कई जगहों पर लौकी को कद्दू कहा जाता है। “नहाय-खाय” में मुख्य रूप से अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी का भोजन तैयार किया जाता है।
कद्दू (लौकी) की सब्जी बनाने के लिए सामग्री:
- आधा किलो लौकी
- आधा कप चने की दाल
- सेंधा नमक स्वादानुसार
- आधा चम्मच हल्दी पाउडर
- एक कप पानी
- दो हरी मिर्च
तड़का लगाने के लिए:
- आधा टीस्पून जीरा
- एक चौथाई चम्मच हींग
- एक-दो चम्मच घी
- एक-दो सूखी लाल मिर्च
- दो-तीन तेज पत्ता
कद्दू (लौकी) बनाने की विधि:
- सबसे पहले कुकर में लौकी और चने की दाल को एक कप पानी के साथ डालें। इसमें हल्दी और नमक मिलाकर कुकर को बंद कर दें।
- कुकर में दो सीटी आने दें। इससे लौकी और दाल पक जाएगी।
- फिर एक कढ़ाही में घी गर्म करें, उसमें जीरा चटकाएं। तेज पत्ता, हरी मिर्च, सूखी मिर्च और हींग डालें और हल्का भूनें।
- इसके बाद पकाई हुई दाल और लौकी को कढ़ाही में डालें और 5-8 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें।
भात बनाने की विधि:
- अरवा चावल को आधे घंटे के लिए पानी में भिगो दें।
- फिर कुकर में चावल के दोगुना पानी डालकर एक सीटी आने तक पकाएं।
- प्रेशर निकलने पर इसे कद्दू की सब्जी के साथ परोसें।
इस तरह, नहाय-खाय के दिन के लिए पारंपरिक कद्दू-भात तैयार करें और इसे छठ माता को अर्पित करें।
इसे भी पढ़े :-