महाशिवरात्रि के दिन लाखों भक्त भोलेनाथ के दर्शन के लिए बैद्यनाथ धाम आते हैं। इस पावन अवसर पर यहां भक्ति और आस्था का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है। अगर आप भी बैद्यनाथ धाम की यात्रा करना चाहते हैं, तो इस तरह से अपनी योजना बनाएं।

Mahashivratri 2025 Baidyanath Jyotirlinga Yatra: महाशिवरात्रि का पावन पर्व 26 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए जा सकते हैं। यदि आप झारखंड या आसपास के क्षेत्र में रहते हैं, तो देवघर स्थित बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन का प्लान बना सकते हैं। यह ज्योतिर्लिंग “कामना पूर्ति ज्योतिर्लिंग” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
महाशिवरात्रि के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिससे मंदिर में भक्ति और श्रद्धा का अनुपम नज़ारा देखने को मिलता है। यदि आप भी बैद्यनाथ धाम की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपके काम आएगी।
बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का महत्व
- इच्छा पूर्ति स्थल: बैद्यनाथ धाम को “कामना लिंग” कहा जाता है, क्योंकि यहां भक्तों की सच्ची प्रार्थनाएं स्वीकार होती हैं।
- रावण से जुड़ी कथा: यह ज्योतिर्लिंग रावण द्वारा स्थापित माना जाता है और इससे कई पौराणिक कहानियां जुड़ी हुई हैं।
- विशेष पूजा-अर्चना: महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां विशेष रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और भव्य अनुष्ठान होते हैं।
बैद्यनाथ धाम कैसे पहुंचें?
1. हवाई मार्ग:
- बाबा बैद्यनाथ एयरपोर्ट, देवघर – मंदिर से सिर्फ 7 किमी दूर है।
- बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची – यहां से देवघर 250 किमी दूर है।
2. रेल मार्ग:
- देवघर रेलवे स्टेशन – देश के कई बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।
- जसीडीह जंक्शन (7 किमी दूर) – यहां से ऑटो और टैक्सी आसानी से मिल जाती हैं।
3. सड़क मार्ग:
- पटना से – 230 किमी
- रांची से – 250 किमी
- कोलकाता से – 350 किमी
- यहां तक बस, टैक्सी या निजी वाहन से आराम से पहुंच सकते हैं।
महाशिवरात्रि यात्रा के लिए जरूरी बातें
✔ होटल और यात्रा टिकट पहले से बुक करें, क्योंकि भीड़ बहुत ज्यादा होती है।
✔ मौसम के अनुसार कपड़े साथ रखें, क्योंकि यहां ठंड और गर्मी दोनों महसूस हो सकती हैं।
✔ मंदिर परिसर में मोबाइल और कैमरा ले जाने की अनुमति नहीं होती, इसलिए बैग जमा करने की व्यवस्था पहले से कर लें।
बैद्यनाथ धाम के पास घूमने लायक जगहें
- बासुकीनाथ मंदिर – देवघर से 40 किमी दूर, यह भी एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है।
- नौलखा मंदिर – बेहद सुंदर वास्तुकला वाला राधा-कृष्ण मंदिर।
- त्रिकूट पर्वत – पहाड़ों का सुंदर दृश्य और रोपवे राइड का मज़ा।
- सत्संग आश्रम – आध्यात्मिक और धार्मिक स्थल, जहां रोज़ हजारों श्रद्धालु आते हैं।
यदि आप महाशिवरात्रि के अवसर पर बैद्यनाथ धाम जाने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपकी यात्रा को और आसान बना देगी। हर-हर महादेव!
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