अगर आप मनाली से लेह हाईवे पर जाने का सपना देख रहे हैं, तो पहले इस सफर से जुड़ी जरूरी जानकारी जान लेना अच्छा रहेगा। जैसे कि यात्रा की शुरुआत कैसे होगी और किन-किन रास्तों से आपको गुजरना पड़ेगा।

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अगर आपको घूमने-फिरने का शौक है और जिंदगी में कुछ रोमांचक करना चाहते हैं, तो आपकी ख्वाहिशों की लिस्ट में मनाली से लेह (Manali to Leh) का सफर जरूर शामिल होगा। आज हम इसी शानदार रोड ट्रिप के बारे में बात करेंगे। मनाली से लेह की दूरी लगभग 473 किमी है और इसे तय करने में 2 से 3 दिन का समय लगता है। खास बात ये है कि ज्यादातर लोग यहां अपनी बाइक या गाड़ी से जाना पसंद करते हैं, क्योंकि रास्ते बेहद खूबसूरत होते हैं। इन नजारों को देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। अब आइए जानते हैं इस यात्रा के बारे में और यह भी समझते हैं कि सफर के दौरान किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
कैसे शुरू होता है सफर

हम सब जानते हैं कि मनाली एक मशहूर और व्यस्त हिल स्टेशन है, जहां से इस यात्रा की शुरुआत होती है। पहले लोग यहां अपनी गाड़ियों में पेट्रोल भरते हैं और सफर से जुड़ी ज़रूरी चीज़ें तैयार करते हैं। इसके बाद मनाली को पीछे छोड़ते हुए अच्छी पक्की सड़कों पर यात्रा शुरू होती है, जो थोड़ी देर बाद उबड़-खाबड़ रास्तों में बदल जाती है। करीब 51 किलोमीटर चलने के बाद आप रोहतांग दर्रे (13,050 फीट) पर पहुंचते हैं। यह इलाका पूरी तरह बर्फ़ से ढका होता है, कीचड़ और भारी ट्रैफिक से भरा होता है। यहां से निकलना किसी जीत से कम नहीं लगता।
रोहतांग से आगे सरचू की ओर बढ़ते हैं लोग

रोहतांग से आगे भीड़ कम हो जाती है और असली रोमांच शुरू होता है। सड़क केलोंग होते हुए जिस्पा तक जाती है, जो पहाड़ों के बीच बसा एक शांत और सुंदर गांव है। यहां रोड ट्रिप करने वाले लोग थोड़ी देर के लिए आराम करते हैं, फिर सरचू की ओर बढ़ जाते हैं। सरचू पहुंचते-पहुंचते ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगती है। यहां रात का तापमान अक्सर शून्य से भी नीचे चला जाता है। सरचू हिमाचल प्रदेश और लद्दाख की सीमा पर स्थित है, जो लेह-मनाली हाईवे पर एक प्रमुख पड़ाव है और यहां टेंट में रुकने की सुविधा भी मिलती है।
सरचू क्रॉस करने के बाद पहुंचते हैं यहां

सरचू से आगे बढ़ते ही यात्री एक मशहूर सड़क खंड से गुजरते हैं, जिसे गाटा लूप्स कहा जाता है। यह सड़क बहुत ही घुमावदार है, जिसमें 21 तीखे मोड़ हैं। ये मनाली-लेह मार्ग पर लगभग 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक कठिन और चुनौतीपूर्ण रास्ता है, जहां से गुजरना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। यहां से गुजरने वाले यात्री अक्सर श्रद्धा के रूप में मिनरल वाटर की बोतलें चढ़ाते हैं।
लेह पहुंचकर ऐसे दूर करें थकान

गाटा लूप्स पार करने के बाद यात्री लेह पहुंचते हैं, जो 11,500 फीट की ऊंचाई पर बसा है। यहां आप तिब्बती मठों, रंग-बिरंगे बाजारों और गर्म थुकपा के कटोरे का मजा लेते ही अपनी पूरी यात्रा की थकान भूल जाएंगे। बता दें, मनाली से लेह की दूरी करीब 473 किलोमीटर है। अगर आप सोच रहे हैं कि यह सफर 12 घंटे में पूरा हो जाएगा, तो ऐसा आमतौर पर नहीं होता। मनाली से लेह की यात्रा के दौरान आपको 5 ऊंचे हिमालयी दर्रे पार करने होंगे। ये हैं: रोहतांग ला, बारालाचा, नकी ला, लाचुंग ला, और तांगलांग ला।
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