नमस्ते दोस्तों! हमारी वेबसाइट Suraj Explore में आपका स्वागत है। अगर आप गंगटोक (Gangtok) देखना चाहते हैं तो आप सही जगह पर हैं। आज, हम आपको गंगटोक यात्रा पर ले जा रहे हैं।
उच्च ऊंचाई वाली झील :- त्सोम्गो झील (Tsomgo Lake)

गंगटोक का एक खूबसूरत सैर बंदरगाह है त्सोम्गो झील। यहाँ पर आपको प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव होता है। झील के चारों ओर हिमालय की शानदार परिदृश्य हैं जो दर्शनीय होते हैं। त्सोम्गो झील गर्मियों में बार्डोलानी के लिए भी लोकप्रिय है। यहाँ पर आप पानी के खिलाफ जूझ सकते हैं और बर्फ के बीच में चलने का आनंद ले सकते हैं। यहाँ की गहरी नीली पानी आपको आकर्षित करती है। त्सोम्गो झील का माहौल शांतिपूर्ण है और यहाँ का वातावरण आपको सुकून देता है। यह एक पर्यटकों के लिए पर्याप्त स्थान है जहाँ आप अपने परिवार और मित्रों के साथ अच्छा समय बिता सकते हैं।
सिक्किम का सबसे बड़ा मठ :- रुमटेक मठ (Rumtek Monastery)

रुमटेक मठ, गांगटोक का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो सिक्किम के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यहाँ का मठ बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र है और इसकी स्थापना 16वीं सदी में हुई थी।
यहाँ का मठ एक शांतिपूर्ण और सुंदर स्थान है जिसे लोग धार्मिक और मानसिक शांति के लिए आते हैं। मठ की सुंदर वातावरण और शांत माहौल आत्मा को शांति और सकारात्मकता की अनुभूति कराता है।
रुमटेक मठ की सुंदरता को देखते हुए इसे “ढारावाहिक खुशी” का नाम भी दिया जाता है। मठ के आसपास के पर्वतों की सुंदरता और चारों ओर की प्राकृतिक सौंदर्य यहाँ को एक आकर्षक स्थल बनाते हैं।
इस स्थान पर जाने के लिए व्यक्ति को शांति, साधना और स्वाध्याय का महत्व अनुभव होता है। यहाँ का मठ भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जो ध्यान और मनन की स्थली के रूप में प्रसिद्ध है।
दर्शनीय मोटर योग्य सड़क :- नाथू ला दर्रा (Nathu La Pass)

नाथू ला दर्रा, जो कि गांगटोक में स्थित है, एक खूबसूरत और शांतिपूर्ण स्थल है जहाँ आपको प्राकृतिक सौंदर्य से ओत-प्रोत देखने को मिलेगा। यहाँ से आपको गांगटोक शहर की एक अद्वितीय एवं शांतिपूर्ण झील का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। यहाँ से आपको हिमालय की विशाल परिधि और नीले आकाश का अद्भुत नजारा भी देखने को मिलेगा।
जब आप यहाँ पहुंचते हैं, तो आपको एक शांतिपूर्ण और प्राकृतिक वातावरण में खोने का मौका मिलेगा। यहाँ का मौसम अक्सर शांत रहता है और यहाँ की सुंदरता को देखकर आपका मन भी शांत हो जाता है। नाथू ला दर्रा की ऊंचाई से आपको गांगटोक का अनुभव और भी रोमांचक बन जाएगा।
इस स्थान को यात्रियों के बीच बहुत पसंद किया जाता है क्योंकि यहाँ का वातावरण और दृश्य अत्यधिक मनमोहक है। अतः, नाथू ला दर्रा गांगटोक में एक दर्शनीय स्थल है जिसे आपको अवश्य देखना चाहिए।
पवित्र सोने का पानी चढ़ा हुआ स्तूप :- डू-ड्रुल चोर्टेन (Doo-Drool Chorten)

गंगटोक का दो-ड्रुल चोर्टेन एक प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप है जो गंगटोक शहर के दिल में स्थित है। यह स्तूप स्थापित किया गया था वर्ष 1945 में, इसका निर्माण लड़ाख में चीफ लामा तृतीय द्वारा किया गया था। यह स्तूप भूतपूर्व महाराजा सिक्किम ठुग्गीथुकी की याद में बनाया गया था।
चोर्टेन का मुख्य भव्य स्तूप बौद्ध धर्म के प्रतीक है, और इसके चारों ओर प्राचीन मंत्रों की शिलाओं का आकर्षण है। स्तूप के चारों ओर संग्रहालय हैं जो बौद्ध धर्म की विविधता और महत्व को दर्शाते हैं।
यहां जाने के बाद, आपको एक शांतिपूर्ण और मनोहारी महसूस होता है। स्तूप के चारों ओर फूलों और पेड़-पौधों से घिरे हुए हैं, जिससे यहां का वातावरण और भी सुंदर बन जाता है। यहां से आपको गंगटोक शहर का भी सुंदर नजारा दिखाई देता है।
200 साल पुराना मठ :- एंची मठ (Enchi Monastery)

एंची मठ गंगटोक, सिक्किम का एक प्रमुख बौद्ध मठ है जो श्री नृसिंह अवतार को समर्पित है। यह सुंदर मठ हिमालयन वन रेजर्व के पास स्थित है और पर्वतीय प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है।
एंची मठ का निर्माण 1909 में हुआ था। इसकी स्थापना नेपाली ढाक्का संत हनुमान सिंह ने की थी। मठ में स्थित एक छोटा सा मंदिर है जिसमें भगवान बुद्ध की मूर्ति स्थापित है। मठ के आस-पास हरियाली से भरी घास-फूस की झीलें हैं जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं।
एंची मठ में विश्वास किया जाता है कि यहाँ भगवान बुद्ध ने अपने उपदेश दिए थे। मठ में साल में एक बार लोक महोत्सव आयोजित किया जाता है जिसमें स्थानीय लोग भाग लेते हैं। यहाँ के आध्यात्मिक वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य आत्मा को शांति और सुकून प्रदान करते हैं।
ऐतिहासिक तिब्बती संग्रहालय :- नामग्याल इंस्टीट्यूट ऑफ तिब्बतोलॉजी (Namgyal Institute of Tibetology)

नामग्याल इंस्टीट्यूट ऑफ तिब्बतोलॉजी, गांगटोक, सिक्किम, एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है जहां तिब्बती संस्कृति, इतिहास और धर्म का अध्ययन किया जाता है। यह इंस्टीट्यूट 1958 में स्थापित किया गया था और यहां तिब्बती शोध पुस्तकालय भी है।
इस इंस्टीट्यूट में विभिन्न प्रकार की तिब्बती किताबें, हस्तलिखित पुस्तकें, चित्र, थांग्का पेंटिंग्स, धातु और रंगमंच कला के आइटम्स देखने को मिलते हैं। यहां तिब्बती धर्म और संस्कृति के बारे में शोध और शिक्षा कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं।
इंस्टीट्यूट का इमारती डिज़ाइन भी बहुत खूबसूरत है जो यहां के पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसके अलावा, यहां प्रतिवर्ष विभिन्न तिब्बती कला और संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जो इस स्थान को एक अद्वितीय और शिक्षात्मक अनुभव बनाते हैं।
चित्र-परिपूर्ण झरना :- सेवन सिस्टर्स झरना (Seven Sisters Waterfall)

सेवन सिस्टर्स झरना, गांगटोक, सिक्किम में स्थित है और यहाँ पर्यटकों को एक सुंदर प्राकृतिक दृश्य प्रदान करता है। झरने का नाम ‘सेवन सिस्टर्स’ इसलिए है क्योंकि यहाँ पर एक समय में सात छोटे-छोटे झरने थे, जो आमतौर पर साथ में बहते थे। यहाँ पर एक पारंपरिक कहानी है कि सात बहनें जंगल में खेल रही थीं और एक दिन वे झरने में गिर गईं और उनका एक सच्चा मुर्गा बन गया।
यहाँ पर्यटक शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं। झरने के निकट एक प्राकृतिक तालाब भी है, जिसे देखकर आपको शांति की अनुभूति होती है। यहाँ का मौसम खासतौर पर मानसून में खूबसूरत होता है जब पर्यटक झरने के पास बारिश का आनंद लेते हैं।
यहाँ पहुंचने के लिए आपको कुछ हिल क्लाइम्बिंग करनी पड़ती है, लेकिन इस निवास के लिए आपको प्राकृतिक सौंदर्य की एक अद्वितीय अनुभूति मिलती है।
मनमोहक दृश्यों वाला शांत मंदिर :- गणेश टोक मंदिर गंगटोक सिक्किम (Ganesh Tok Temple Gangtok Sikkim)

गंगटोक, सिक्किम के सुंदर और शांत शहर में स्थित गणेश टोक मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहां के मंदिर की सुंदरता और शांति दिलाने वाला माहौल लोगों को आकर्षित करता है। गणेश टोक मंदिर का निर्माण सन् १९४७ में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य ध्यान और ध्यान की अवस्था में लोगों को मदद करना है।
मंदिर के विचारशील डिज़ाइन और गुम्फा स्थिति मंदिर को अद्वितीय बनाते हैं। यहां से आपको शहर की अद्भुत झीलों और हिमालय की शानदार परिस्थितियों का अद्भुत नजारा मिलेगा।
गणेश टोक मंदिर ध्यान और चिंतन के लिए एक शांत और प्रेरणादायक स्थान है। यहां की सुंदरता और प्राकृतिक वातावरण आपको एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करते हैं। गंगटोक यात्रा के दौरान, गणेश टोक मंदिर को ज़रूर देखें और इस ध्यान केंद्र में अपनी मन की शांति और ताजगी का आनंद लें।
हिमालय के मध्य में, जंगली लोगों के लिए एक घर :- कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kanchenjunga National Park)

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान, गांगटोक, सिक्किम में स्थित है। यहाँ प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पर्यावरण और वन्यजीवन का सुंदर संगम है। यह उद्यान हर वर्ष कई पर्वतीय प्राणियों को अपने आसपास आकर्षित करता है।
यहाँ दर्शनीय स्थलों की एक बहुत बड़ी सूची है। कैंचेंजंगा की चोटी का दृश्य, अलगाव, घास के मैदान, झीलें, और बहुत कुछ।
यहाँ पर्यटक पैदल चलकर और घुड़सवारी करके अपनी यात्रा का आनंद ले सकते हैं। यहाँ कई ट्रैकिंग रूट्स हैं, जो आपको प्राकृतिक सौंदर्य से निपटने का मौका देते हैं।
यहाँ के वन्यजीवन में हिमालयन ब्लैक बीयर, हिमालयन थार, चित्रकुटी, राजहंस, और बहुत से पक्षियों के प्रकोप हैं।
गांगटोक आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक अनुपम अनुभव है। तो अगली बार जब आप सिक्किम जाएं, कृपया कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा करें और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लें।
प्रकृति प्रेमियों के लिए शांत अवकाश :- रावंगला, सिक्किम (Ravangla, Sikkim)

रावंगला, सिक्किम, भारत में एक छोटा सुंदर गाँव है जो पहाड़ों में सुरमय वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का मुख्य आकर्षण उसका प्राकृतिक सौंदर्य है जो इसे एक पर्यटक स्थल बनाता है। रावंगला का मुख्य चित्रकूट पर्वतीय नजारा है, जो प्राकृतिक खूबसूरती में आपको मग्न कर देता है।
यहाँ आने वाले पर्यटक प्राकृतिक खेलों का आनंद लेते हैं जैसे कि हाइकिंग, ट्रैकिंग, और पर्वतारोहण। रावंगला एक ऐसी जगह है जहाँ आपको शांति और स्वयं के साथ समय बिताने का अवसर मिलता है।
इस छोटे गाँव में भारतीय और तिब्बती संस्कृति का अद्भुत मेल है। यहाँ के मन्दिर, गुम्बा, और बाजार आपको इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव कराते हैं। रावंगला एक ऐसी स्थान है जहाँ आपको प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय संस्कृति का अनुभव मिलता है।
आपको ये जानकारी कैसी लगी आप हमें कमेंट करके बताए एंड आपको और कहा की जानकारी चाइये ये भी आप हमें जरूर बताएँ। थैंक्स आपका कीमती समय देने के लिए।
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