नमस्ते दोस्तों! हमारी वेबसाइट Suraj Explore में आपका स्वागत है। अगर आप उत्तराखंड की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो आप सही जगह पर हैं। आज, हम आपको उत्तराखंड Part 2 यात्रा में दर्शनीय अनिवार्य स्थलों की यात्रा पर ले जा रहे हैं।
Tourist Places to Visit in Uttarakhand – Part 2
6. तिफ़िन टॉप: एक पर्यटकों का आकर्षण
भारत में पर्यटन का एक ऐसा स्थान है, जो हर वर्ष लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। वह स्थान है टिफ़िन टॉप। यह स्थान जितना ही सुंदर है, उतना ही प्राकृतिक भी है। यहाँ की खूबसूरती और प्राकृतिक सुंदरता को देखकर पर्यटक वाकई हैरान रह जाते हैं।

टिफ़िन टॉप भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है। यह एक प्राकृतिक उच्चतम स्थल है, जो मसूरी नगर से लगभग ३ किलोमीटर दूर है। टिफ़िन टॉप का नाम इसलिए है क्योंकि यहाँ पर पर्यटकों को एक अद्वितीय और अविस्मरणीय अनुभव मिलता है, जब वे अपने खास टिफ़िन के साथ अपने पर्यटन का आनंद लेते हैं।
यहाँ की सुंदरता और शांति को देखते हुए, टिफ़िन टॉप एक साक्षात्कार की ओर आकर्षित करता है। यहाँ का मौसम भी बहुत ही सुहावना होता है, जो पर्यटकों को अधिक खींचता है।
टिफ़िन टॉप पर्यटकों के लिए अनेक गतिविधियों का केंद्र है। यहाँ पर पर्यटक ट्रैकिंग, हाइकिंग, और पिकनिक करते हैं। इसके अलावा, यहाँ पर बच्चों के लिए खिलौने भी हैं, जो उन्हें बहुत पसंद आते हैं।
टिफ़िन टॉप की उच्च ऊँचाई की वजह से, यहाँ से खूबसूरत नजारे भी देखे जा सकते हैं। यहाँ से दूर तक हरियाली, पहाड़ों की रेंगते हुए चोटियाँ, और आसमान के नीले रंग का अनंतता का दृश्य देखने को मिलता है।
टिफ़िन टॉप पर्यटकों के लिए खास रूप से अप्रैल से जून के बीच काफी आकर्षक होता है। इस समय यहाँ का मौसम बहुत ही सुहावना होता है और पर्यटक यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं।
टिफ़िन टॉप को देखने के लिए एक दिन की यात्रा काफी होती है। पर्यटक यहाँ पर कुछ घंटे बिता सकते हैं, और यहाँ की खूबसूरत नजारे का आनंद ले सकते हैं।
7. बरकोट
बरकोट, उत्तराखंड के यमुनोत्री धाम के निकट स्थित एक खूबसूरत और मनोरम पहाड़ी नगरी है। यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। बरकोट, चार धाम यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ावों में से एक है और यहां से यमुनोत्री धाम की यात्रा आरंभ होती है। इस लेख में हम बरकोट के प्रमुख आकर्षणों और उसके आस-पास के कुछ दर्शनीय स्थलों के बारे में जानेंगे।

यमुनोत्री धाम
बरकोट से लगभग 49 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यमुनोत्री धाम, यमुना नदी के उद्गम स्थल पर स्थापित एक पवित्र तीर्थ स्थान है। यहाँ आने वाले यात्री यमुना नदी के पवित्र जल में स्नान करके अपने पापों का शुद्धिकरण करते हैं। यमुनोत्री मंदिर, भगवानी यमुना को समर्पित है और यहाँ की यात्रा धार्मिक महत्व के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने का एक अवसर भी प्रदान करती है।
खर्साली
बरकोट से कुछ ही दूरी पर स्थित खर्साली, अपने गर्म पानी के स्रोतों के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और यहाँ के गर्म पानी के कुंडों में स्नान करके यात्री अपनी थकान और मानसिक तनाव को दूर कर सकते हैं। खर्साली में शनि देव का एक प्राचीन मंदिर भी है, जो धार्मिक यात्रियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।
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लक्खामंडल
बरकोट से कुछ किलोमीटर दूर स्थित लक्खामंडल, महाभारत काल से जुड़ा एक पौराणिक स्थान है। यहाँ का मुख्य आकर्षण लक्खामंडल शिव मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। कहा जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इस स्थान का उपयोग छिपने के लिए किया था। लक्खामंडल में प्राप्त पुरातत्वीय अवशेष और शिलालेख इस स्थान के प्राचीन महत्व को दर्शाते हैं।
हनोल
हनोल, बरकोट से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक अन्य प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहाँ स्थित प्रसिद्ध महासु देवता का मंदिर, इस क्षेत्र के लोगों की गहरी आस्था का केंद्र है। महासु देवता को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है और यहाँ हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
प्राकृतिक सुंदरता
बरकोट की यात्रा केवल धार्मिक स्थलों तक सीमित नहीं है; यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से भी भरपूर है। यहाँ के हरे-भरे जंगल, खूबसूरत पहाड़ और निर्मल नदियाँ प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग समान हैं। ट्रेकिंग, कैम्पिंग और बर्ड वॉचिंग जैसी गतिविधियाँ यहाँ की यात्रा को और भी रोमांचक बना देती हैं।
8. धारचूला : स्थानीय जीवन, संस्कृति और परंपरा से रूबरू कराएगी
धारचूला भारत के उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक खूबसूरत नगर है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की यात्रा आपको न केवल प्रकृति के बीच सुकून देगी बल्कि यहाँ के स्थानीय जीवन, संस्कृति और परंपरा से भी आपको रूबरू कराएगी।

- ओम पर्वत: धारचूला से कुछ ही दूरी पर स्थित ओम पर्वत हिमालय की एक अद्भुत चोटी है, जिसका आकार ओम की तरह दिखाई देता है। यह स्थल धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रियों के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक खास आकर्षण है।
- आदि कैलाश यात्रा: धारचूला आदि कैलाश यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। आदि कैलाश, जिसे छोटा कैलाश भी कहा जाता है, एक धार्मिक स्थल है जो शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
- नारायण आश्रम: यह आश्रम प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है और धार्मिक व आध्यात्मिक चिंतन के लिए एक शांत जगह प्रदान करता है। यहाँ आकर यात्री शांति और सुकून का अनुभव कर सकते हैं।
- काली नदी: धारचूला शहर काली नदी के किनारे बसा है। यह नदी भारत और नेपाल के बीच सीमा का काम करती है। नदी के किनारे टहलना और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेना यहां की यात्रा को और भी अविस्मरणीय बना देता है। इस खूबसूरत नदी के किनारे समय बिताना पर्यटकों के लिए एक शांतिपूर्ण और मनोरम अनुभव साबित होता है। यहाँ की सुंदरता और प्राकृतिक परिवेश आपके दिल को छू लेंगे।
- जौलजीबी मेला: धारचूला के पास जौलजीबी में हर वर्ष एक मेला लगता है जो स्थानीय संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रदर्शन होता है। यहाँ विभिन्न प्रकार की दुकानें, स्थानीय कला और शिल्प के स्टॉल्स, साथ ही साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- अस्कोट अभयारण्य: प्रकृति प्रेमियों के लिए अस्कोट अभयारण्य एक आदर्श स्थान है, जो वन्यजीवन और दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ आप विभिन्न प्रकार के पक्षी, वन्य जीव और वनस्पतियों को देख सकते हैं।
धारचूला अपनी प्राकृतिक सुंदरता, अद्वितीय संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के कारण यात्रियों के लिए एक अनूठा स्थल है। यहाँ आकर पर्यटक न केवल शांति और सुकून का अनुभव करते हैं, बल्कि यहाँ की विविधता और जीवंतता से भी परिचित होते हैं। अगर आप प्रकृति की सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक शांति की खोज में हैं, तो धारचूला आपके लिए एक आदर्श गंतव्य हो सकता है।
9. गोपेश्वर : धार्मिक यात्रियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य
गोपेश्वर, उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित एक शांत और खूबसूरत शहर है, जो अपने धार्मिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान धार्मिक यात्रियों और प्रकृति प्रेमियों दोनों के लिए एक आकर्षक गंतव्य है। यहां के कुछ मुख्य पर्यटन आकर्षणों का वर्णन निम्नलिखित है:

- गोपीनाथ मंदिर: गोपेश्वर का गोपीनाथ मंदिर इस शहर का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसकी वास्तुकला बेहद आकर्षक है। यहाँ आने वाले भक्त भगवान शिव के दर्शन करके आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं।
- चंद्रशिला ट्रेक: गोपेश्वर से चंद्रशिला ट्रेक के लिए जाना ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए एक उत्तम विकल्प है। यह ट्रेक प्राकृतिक सौंदर्य और रोमांच से भरपूर है, और इसके शिखर से हिमालय की मनोरम दृश्यावली देखी जा सकती है।
- वृद्ध बद्री मंदिर: यह मंदिर भी गोपेश्वर के निकट स्थित है और इसे बद्रीनाथ के पांच बद्री में से एक माना जाता है। यहां भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और यह स्थान धार्मिक महत्व रखता है।
- आंसी झील: यह झील प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है और यहां आकर पर्यटक प्रकृति के नजदीक महसूस कर सकते हैं। इस झील के आस-पास का वातावरण उत्तम स्थान माना जाता है। यहां की स्वच्छ और शीतल जलधाराएँ राफ्टिंग प्रेमियों को एक अनोखा और रोमांचक अनुभव प्रदान करती हैं। गोपेश्वर की नैसर्गिक सुंदरता और यहाँ के जलविहार स्थल यात्रियों को बार-बार यहाँ आने के लिए प्रेरित करते हैं।
इसके अतिरिक्त, गोपेश्वर आसपास के कई प्राचीन मंदिरों और धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है, जिसमें अनुसना देवी मंदिर और रुद्रनाथ मंदिर जैसे स्थल शामिल हैं। ये मंदिर न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं बल्कि वास्तुकला के अद्भुत नमूने भी हैं।
गोपेश्वर विभिन्न मौसमों में अपने आगंतुकों को अलग-अलग अनुभव प्रदान करता है। यहाँ की सर्दियाँ बर्फ से ढकी पहाड़ियों का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती हैं, वहीं गर्मियाँ और वसंत ऋतु में प्राकृतिक सौंदर्य अपने चरम पर होता है। हर मौसम में यहाँ का अलग ही रूप नजर आता है, जो यात्रियों को विविध और यादगार अनुभव देता है।
10. ऋषिकेश
ऋषिकेश, जिसे अक्सर ‘योग की राजधानी’ के रूप में जाना जाता है, भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक पवित्र शहर है। यह शहर हिमालय की तलहटी में गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है और योग और ध्यान के अभ्यासी, पर्यटक और तीर्थयात्री दुनिया भर से यहाँ आते हैं।

- लक्ष्मण झूला और राम झूला: ये दो सस्पेंशन ब्रिज हैं जो ऋषिकेश के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक हैं। ये पुल गंगा नदी के ऊपर बने हैं और उन्हें पार करते समय नदी का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
- त्रिवेणी घाट: यह एक ऐसा घाट है जहां हर शाम गंगा आरती की जाती है। यहाँ का दृश्य अत्यंत भव्य और आध्यात्मिक होता है। पर्यटक यहां ध्यान और पूजा में समय बिता सकते हैं।
- नीलकंठ महादेव मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ विशेष रूप से महा शिवरात्रि के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। मंदिर तक पहुँचने के लिए एक पर्वतीय मार्ग से गुजरना पड़ता है, जो अपने आप में एक अद्वितीय अनुभव है।
- योग और ध्यान केंद्र: ऋषिकेश में अनेक योग और ध्यान केंद्र हैं जहाँ लोग योग और ध्यान की विभिन्न शैलियों को सीख सकते हैं और अभ्यास कर सकते हैं। ये केंद्र व्यक्तिगत विकास और आधत्मिक उन्नति के लिए एक आदर्श स्थान प्रदान करते हैं।
- परमार्थ निकेतन: यह ऋषिकेश में एक प्रमुख आश्रम है जहाँ विश्व भर से लोग आध्यात्मिक शांति और योग की तलाश में आते हैं। यहाँ हर शाम गंगा किनारे भव्य आरती का आयोजन होता है, जो अपने आप में एक दिव्य अनुभव है।
- बीटल्स आश्रम: यह आश्रम विशेष रूप से प्रसिद्ध है क्योंकि 1960 के दशक में बीटल्स बैंड के सदस्यों ने यहाँ कुछ समय बिताया था। यहाँ की दीवारों पर बीटल्स और विभिन्न कलाकारों द्वारा बनाई गई कलाकृतियाँ देखने को मिलती हैं, जो इस जगह को और भी अनोखा बनाती हैं।
- एडवेंचर स्पोर्ट्स: ऋषिकेश एडवेंचर प्रेमियों के लिए भी एक आकर्षक स्थल है। यहाँ रिवर राफ्टिंग, बंजी जंपिंग, और कैम्पिंग जैसी विभिन्न गतिविधियाँ उपलब्ध हैं, जो रोमांचकारी अनुभव प्रदान करती हैं।
- खान-पान: ऋषिकेश में विभिन्न कैफे और रेस्टोरेंट हैं जो शाकाहारी भोजन की एक विस्तृत वैराइटी प्रदान करते हैं। यहाँ का खाना न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि यह स्वास्थ्यवर्धक भी होता है।
ऋषिकेश न केवल भारतीय पर्यटकों के लिए बल्कि विश्व भर के यात्रियों के लिए भी एक अद्भुत गंतव्य है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, आक्षात्मक जागरूकता के लिए अत्यंत लोकप्रिय हैं।
11. मसूरी : प्राकृतिक सुंदरता, सुहावने मौसम और मनमोहक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध
मसूरी, जिसे पहाड़ों की रानी के नाम से भी जाना जाता है, उत्तराखंड राज्य में स्थित एक मनोरम हिल स्टेशन है। यह जगह अपनी c है। मसूरी दिल्ली से लगभग 290 किलोमीटर दूर है और देहरादून से केवल 35 किलोमीटर की दूरी पर है, जिससे यह एक आदर्श वीकेंड गेटवे बन जाता है।

- कैमल्स बैक रोड: यह मसूरी के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। इसका नाम इसके ऊंट की पीठ जैसे आकार की चट्टानों के कारण पड़ा है। यहाँ पर आप शांतिपूर्ण टहलने का आनंद उठा सकते हैं और सुन्दर सूर्यास्त का दृश्य देख सकते हैं।
- केम्पटी फॉल: मसूरी से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित, केम्पटी फॉल एक खूबसूरत झरना है जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। यहां आकर आप पानी की ठंडी बौछारों का आनंद ले सकते हैं और पिकनिक मना सकते हैं।
- लाल टिब्बा: यह मसूरी का सबसे ऊंचा बिंदु है और यहां से हिमालय की चोटियों का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है। लाल टिब्बा अपनी अद्वितीय सुंदरता और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।
- गन हिल: यह मसूरी का दूसरा सबसे ऊंचा बिंदु है। पुराने समय में इस जगह से दोपहर के समय तोप की गोली चलकर समय की घोषणा की जाती थी, इसीलिए इसे गन हिल कहा जाता है। आज, यह स्थान पर्यटकों के बीच सुंदर हिमालय और दून घाटी के मनोरम दृश्यों के लिए लोकप्रिय है। यहां से आप केबल कार की सवारी भी कर सकते हैं, जो अपने आप में एक रोमांचक अनुभव है।
मसूरी अपने आकर्षण के बिंदुओं के अलावा, विभिन्न प्रकार की शॉपिंग और खान-पान की सुविधाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। मॉल रोड मसूरी का मुख्य बाजार है, जहाँ आप हस्तशिल्प, ऊनी वस्त्र, और अन्य स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं। यहां के कई कैफे और रेस्टोरेंट में बैठकर आप लजीज व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं।
यदि आप प्रकृति से प्यार करते हैं और एक शांत वातावरण में कुछ समय बिताना चाहते हैं, तो मसूरी आपके लिए एक आदर्श स्थान है। यहां की हरियाली, पहाड़ों की शांति और ठंडी हवाएं आपके दिल को छू लेंगी और आपकी यात्रा को यादगार बना देंगी।
12. ऑली : एक सुंदर पर्यटन स्थल

ऑली, जो कि उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है, भारत के सबसे प्रमुख स्कीइंग गंतव्यों में से एक है। यह स्थान हिमालय पर्वतमाला की गोधी पर्वत श्रृंखला में स्थित है और इसे प्रकृति की गोद में बसा एक सुंदर पर्यटन स्थल माना जाता है। ऑली की ऊंचाई लगभग 2500 से 3050 मीटर के बीच है, जो कि स्कीइंग के लिए आदर्श स्थितियां प्रदान करती है।
ऑली में सर्दियों के मौसम में बर्फबारी होती है, जिससे यह स्कीइंग के लिए एक परफेक्ट स्थल बन जाता है। पर्यटक यहां स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग और ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों का आनंद उठा सकते हैं। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य, बर्फ से ढके पहाड़ और हरे-भरे वन क्षेत्र पर्यटकों को मोहित कर देते हैं।
ऑली का स्कीइंग रिजॉर्ट भारत में सबसे अच्छा माना जाता है, जिसमें आधुनिक सुविधाएं और स्की लिफ्ट्स मौजूद हैं। यहां की खासियत यह है कि यह स्थान न केवल पेशेवर स्कीयर्स के लिए उपयुक्त है, बल्कि नौसिखिये भी यहां स्कीइंग सीख सकते हैं।
ऑली तक पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जो देहरादून में स्थित है। यहां से ऑली तक की दूरी लगभग 280 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से भी ऑली को आसानी से जोड़ा गया है, जिससे पर से पर्यटकों के लिए यहाँ तक पहुँचना सुविधाजनक हो जाता है। अगर आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं, तो हरिद्वार रेलवे स्टेशन ऑली के नजदीकी बड़े रेलवे स्टेशनों में से एक है। इसके अलावा, बस सेवाएं और टैक्सी सेवाएं भी उपलब्ध हैं जो आपको आसानी से ऑली तक पहुँचा सकती हैं।
ऑली न केवल सर्दियों में, बल्कि गर्मियों में भी अपनी हरी-भरी वादियों और सुहावने मौसम के लिए जाना जाता है। इस समय, पर्यटक यहां ट्रेकिंग, कैम्पिंग और नेचर वॉक्स का आनंद उठा सकते हैं। ऑली के आस-पास के क्षेत्रों में भी कई पर्यटन स्थल हैं जैसे कि गोरसों बुग्याल, चटकुला, क्वानी बुग्याल और नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, जहाँ पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठा सकते हैं।
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